Wednesday 14 January, 2009

विद्यालय से बेहतर है शौपिंग कोम्प्लेक्स

मेरे एक मित्र हैं - श्री आलोक पुराणिक। व्यंगकार हैं - उनका ब्लॉग है - आलोक पुराणिक की अगडम बगड़म

उनका लिखा एक व्यंग पढा - जिसमे उन्होंने Municipal Corporation of Delhi (MCD) यानी दिल्ली नगर निगम की नगर निगम की पाठशालयों को मल्टीप्लेक्स में बदलने की योजना की बखिया उधेडी है।

आप भी पढ़ें, आनंद ले, और कांग्रेस सरकार के मानसिक दिवालियापन पर दुखी हों.

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