श्री युनुस खान - आकाश वाणी में कार्यरत हैं।
रेडियोवाणी के नाम से ब्लॉग लिखते हैं वे।
एक कविता अपने चिठ्ठे पर डाली है - जिसमे जन्माष्टमी का वर्णन है। आप पढ़ सकते हैं।
मैं शायद स्वयं को - और अन्यों को भी याद दिलाता हूँ - भारत के छोटे शहरों में जा के देखिये - आज भी यह गंगा-जमुनी जीवन शैली जीवित है।
यदि हम यह भूलने लगेंगे की इस देश की माटी में युनुस भाई जन्मते हैं, अब्दुल कलाम जन्मते हैं, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जन्मते हैं - फिर हम में और अन्य देशों में क्या अन्तर रह जाएगा.
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