इंद्र जिमि जम्भ पर, बाड़व सुअम्ब पर,
रावण सदम्भ पर, रघुकुलराज हैं।
पौन वारिवाह पर, शम्भु रतिनाह पर,
ज्यौं सहस्रबाहु पर, राम द्विजराज हैं।....
भूषण वितुण्ड पर, जैसे मृगराज है।
तेज तम अंस पर, कान्हा जिमी कंस पर,
त्यों म्लेच्छ वंश पर, शेर शिव राज हैं।
यह कविता राष्ट्र कवि भूषण ने शिवाजी महाराज के सम्मान में लिखी थी।
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